Home Uncategorized यूपी में मुख्यमंत्री भले कोई भी बने, पर इस कट्टरपंथी जिहादी मौलाना...

यूपी में मुख्यमंत्री भले कोई भी बने, पर इस कट्टरपंथी जिहादी मौलाना की खाल जरूर उधेड़े

A case to be registered against Rashtriya Ulama Council (RUC) president Aamir Rashadi Madni for allegedly inciting kin of terrorist killed in Lucknow.

.ये जो आपको कट्टरपंथी सिखाई दे रहा है, मौलाना आमिर राशीद मदानी ये आजमगढ़ का रहने वाला है, और कई आतंकियों को बार बार क़ानूनी मदद दे चूका है

सपा, फिर बसपा, फिर सपा सरकारों के रहते इसके इतने हौसले बुलंद थे की, इसने कहा की इसके पास पुलिस वालो की वर्दी उतारने की ताकत है, और ये पुलिस वालो की खाल उधेड़ देगा

बता दें की लखनऊ के हाजी कॉलोनी में इस्लामिक स्टेट का आतंकी सैफुल्लाह ढेर किया गया था जिसके बाद मौलाना आमिर राशीद मदानी कानपुर उसके घर पहुँच गया और वहां स्थानीय मुसलमानो को इखट्टा कर लिया

उसके बाद मौलाना आमिर राशीद मदानी ने कहा की, सैफुल्लाह तो निर्दोष था वहां मुसलमानो को भड़काते हुए इसने कहा की, जिस पुलिस वाले ने सैफुल्लाह का एनकाउंटर किया है मैं उसकी वर्दी उसके खाल के साथ उधेड़ दूंगा

इसने कहा की, मैं पुलिस वालो की वर्दी उतारने की ताकत रखता हु आपको बता दें की इस कट्टरपंथी ने सच ही कहा था, सपा और बसपा सरकारें थी, उस ज़माने में ऐसे कट्टरपंथियों के पास ताकत तो थी ही

पर अब यूपी में कमल खिल चूका है, और जल्द नयी सरकार बनने वाली है इसलिए अब जो भी नयी सरकार बने, मुख्यमंत्री भले कोई बने, इस कट्टरपंथी को जरूर टांग कर इसकी खाल उधेड़े और आतंकियों से इसके रिश्तों की जांच करे

साथ ही साथ जितने भी सैफुल्लाह यूपी में जगह जगह घूम रहे है, उनपर भी अब जमकर कारवाही हो चूँकि हिन्दू समाज एकजुट है, और प्रचंड बहुमत है, अब यूपी से जिहाद और इस तरह के कट्रपंथियों को ख़त्म किया जाना चाहिए

मदनी ने दावा किया है कि सैफुल्लाह का एनकाउंटर फर्जी है और पुलिस पूरे मामले की गलत जानकारी दे रही है, मदनी के इस बयान पर पुलिस भी हरक़त में आ गई है और यूपी एडीजी ला एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने एसएसपी कानपुर को उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और माहौल बिगाड़ने का मामला दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं. केस दर्ज होने के बाद भी मदनी ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि बटाला हाउस एनकाउंटर की तरह ही सैफुल्लाह का एनकाउंटर भी फर्जी है!

Exit mobile version