गली मुहल्ले चौराहों की धूल फांकता हुआ पत्रकार, बन रहा अपराधियों का शिकार
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ऑनलाइन अपराध के रोकथाम में निष्प्रभावी कानून व्यवस्था के चलते पत्रकारों को मेहनत करने के बाद इस प्रकार की घटना का साक्षी बनना पड़ रहा है। दुर्गेश कुमार सिंह जो कि एक समाचार एजेंसी में कार्यरत है उनको आज ऑनलाइन ठगों ने मोबाइल बेचने का झांसा देकर ठगा और अपना शिकार बनाया। कुछ दिनों पहले मुरादाबाद में एक पत्रकार को दिनदहाड़े गोली मारने का मामला प्रकाश में आया था और दिनांक 26/7/2020 को जैतपुरा थाना अंतर्गत एक ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल में कार्यरत पत्रकार को जान से मारने की धमकी एवं रंगदारी माँगने का मामला भी प्रकाश में आया था। इन मामलों से स्पष्ट होता है कि अपराधीयों को पत्रकारों को प्रताड़ित करने का कतई भी भय नहीं रहा, पत्रकारों के प्रति सरकार की कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं बन रही है। वहीं इस प्रकार के अपराध के लिए अपराधी सबसे पहले पत्रकारों को ही अपना निशाना बना रहे हैं।
उक्त पत्रकार को एक ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए ठगी का शिकार बनाया गया उन्हें ओएलएक्स पर फोन आर्डर किया तो ओएलएक्स के सेलर ने 8000 रूपये बतौर सिक्योरिटी मनी जमा करने की बात कही, जिसपे उसे पेमेंट जमा किया गया। जिसके बाद अब उक्त व्यक्ति द्वारा पैसा वापस न करने की बात की जा रही है। खैर सरकार को अब अपने कानून मे संसोधन करने की आवश्यकता है। ताकि इस तरह के ऑनलाइन अपराध पर रोक लग सके और पत्रकारों के लिए विशेष कानून बनाया जाए जिससे समाज का आईना और संविधान का चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकारिता की रक्षा और सुरक्षा हो सके।