डेन काशी ने तथाकथित पत्रकार नितिन राय को दिखाया बाहर का रास्ता
HARI SHANKAR CHAUBEY 18-10-2018 23
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*जुबान पर सरस्वती विराजमान होती है ये तो सुना था, मगर यहां तो कलम पर ही सरस्वती विराजमान हो गई। जहां आज दुर्गाकुंड क्षेत्र के एक तथाकथित पत्रकार के द्वारा फेसबुक पर पोस्ट किया गया था कि दशहरा अपराधी किस्म के व्यक्तियों व उनके सहयोगियों के नाश करने को ही दशहरा का पर्व मनाया जाता है। मगर वो श्रीमान जी शायद यह भूल गए कि सरस्वती एक बार जबान पर विराजमान जरूर होती है पर यहां सरस्वती उनके कलम पर ही विराजमान हो गई और लंका के नरिया इलाके के रहने वाले तथाकथित पत्रकार नितिन राय को नगर के सम्मानित न्यूज़ चैनल डेन काशी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वहीं डेन काशी के सम्मानित निदेशक के द्वारा जारी किए गये निष्काशन पत्र में लिखा गया है कि 14 अक्टूबर 2018 को नितिन राय के द्वारा डेन काशी चैनल व यूपी न्यूज़ पर भाजपा के वरिष्ठ नेता के खिलाफ बिना सोचे समझे व बिना कोई जांच कराये ही समाचार को प्रसारित कर दिया गया था जो लापरवाही का सबूत है व पूछ ताछ करने पर कोई संतोषजनक उत्तर नही दिया गया। जिस पर नितिन राय को डेन काशी व यूपी न्यूज़ से निष्काषित कर दिया गया। या यूं कहिये बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
ज्ञात हो कि 14 अक्टूबर 2018 को प्रसारित किये गए समाचार के संबंध में भाजपा के काशी क्षेत्र के महामंत्री अशोक चौरसिया के द्वारा थाना भेलूपुर में मुअस 535/18 विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया था तथा उक्त तथाकथित पत्रकार नितिन राय की गिरफ्तारी भी पुलिस ने किया था और उसे न्यायालय में चालान भी किया गया था जिसमे माननीय न्यायालय ने उसे जमानत भी दे दी थी।
वहीं एक सम्मानित समाजसेवक व भाजपा नेता के चरित्र हनन करने का जो कृत्य तथाकथित पत्रकार के द्वारा किया गया था, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त तथाकथित पत्रकार व अपराधी कितना बड़ा मनबढ़ व दबंग है।
वहीं दूसरी ओर समाज व नगर के प्रबुद्ध लोगो के द्वारा डेन काशी चैनल व उनके निदेशक की जहां भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है तथा यह भी कहा जा रहा है कि चैनल के निदेशक के द्वारा किया गया यह निर्णय उनके अंदर छिपी न्याय प्रियता की भावना को दर्शाता है। वहीं लोगो का यह भी कहना है कि जिस प्रकार दैनिक भास्कर समाचार पत्र निर्भयता से लगातार समाचार का प्रकाशन कर रही है वो भी काबिले तारीफ है।
खैर जो भी हो इस तथाकथित व अपराधी पत्रकार के द्वारा जहां एक ओर अपने बाहुबल व धनबल के साथ ही अपने संपादकीय का डर दिखाकर समाज के कुछ कमजोर लोगो को अपने मकसद व अपने निजी लाभ में कामयाब होने के लिये अपना शिकार बनाया जा रहा है व जा रहा था उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर न्याय प्रियता की एक मिशाल पेश की है।
वहीं लोगो कहना है कि पुलिस अगर चाहे तो कितना ही बड़ा बाहुबली क्यो न हो उसे कटघरे में खड़ा कर ही देती है। पुलिस ने जिस प्रकार एक सम्मानित व्यक्ति के चरित्र हनन करने वाले को उसके मंजिल तक पहुंचाने का कार्य किया वो भी सराहनीय है।
अब क्या होगा इस तथाकथित पत्रकार का जिसके पास न तो पत्रकारिता बची और न ही 2 बिस्वा जमीन व 1 लाख रुपया।
