ये चमत्कार हिंदी में ही हो सकता है, चार मिले चौसठ खिले, बीस रहे कर जोड़प्रेमी-प्रेमी दो मिले, खिल गए
SANDEEP KR SRIVASTAVA 04/10/2020 55
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ये चमत्कार हिंदी में ही हो सकता है…
चार मिले चौसठ खिले, बीस रहे कर जोड़ !
प्रेमी-प्रेमी दो मिले, खिल गए सात करोड़ !!
मुझसे एक बुजुर्गवार ने इस कहावत का अर्थ पूछा। काफी सोच-विचार के बाद भी जब मैं बता नहीं पाया, तब मैंने कहा – बाबा आप ही बताइए, मेरी समझ में तो कुछ नहीं आ रहा।
तब एक रहस्यमयी मुस्कान के साथ बाबा समझाने लगे –
देखो भाग्यवान, यह बड़े रहस्य की बात है – चार मिले –मतलब जब भी कोई मिलता है, तो सबसे पहले आपस में दोनों की आंखें मिलती हैं। इसलिए कहा, चार मिले –
फिर कहा,चौसठ खिले –यानि बत्तीस-बत्तीस दांत –दोनों के मिलाकर चौसठ हो गए – इस तरह “चार मिले, चौसठ खिले” – हुआ!
बीस रहे कर जोड़– दोनों हाथों की दस उंगलियां – दोनों व्यक्तियों की 20 हुईं – बीसों मिलकर ही एक-दूसरे को प्रणाम की मुद्रा में हाथ बरबस उठ ही जाते हैं!
वैसे तो शरीर में रोम की गिनती करना असम्भव है, लेकिन मोटा-मोटा साढ़े तीन करोड़ कहते हैं कहने वाले, तो कवि ने अंतिम रहस्य भी प्रकट कर दिया–प्रेमी प्रेमी दो मिले – खिल गए सात करोड़!
ऐसा अंतर्हृदय में बसा हुआ प्रिय व्यक्ति जब कोई मिलता है, तो रोम-रोम खिलना स्वाभाविक ही है भाई –
जैसे ही कोई ऐसा मिलता है, तो कवि ने अंतिम पंक्ति में पूरा रस निचोड़ दिया –खिल गए सात करोड़ यानि हमारा रोम-रोम खिल जाता है!
भई वाह, आनंद आ गया.हमारी हिंदी कहावतों में कितना सार छुपा है.
एक-एक शब्द चासनी में डूबा हुआ है.ऐसी है हमारी मातृ भाषा हिंदी.
