रामनगर के व्यस्त चौराहे और पुलिस पिकेट के पास गोली मारकर की गई चाय विक्रेता की हत्या में 2 हुए गिरफ्तार
SANDEEP KR SRIVASTAVA 12/01/2021 2128
SHARE ON WHATSAPP
वाराणसी : चाय-विक्रेता रामनरायन यादव की हत्या का पर्दाफाश आज एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी ने रामनगर थाने में प्रेसवार्ता करके दी।
उन्होंने बताया,कि चाय-विक्रेता रामनरायन की हत्या का मुख्य कारण पैसे का लेन- देन था, जिसके मुख्य आरोपी अंकित मोदनवाल पुत्र मुन्नु साव निवासी रामपुर रामनगर, कपाली उर्फ सिद्धार्थ पुत्र रामशरण चौधरी निवासी मच्छरहट्टा रामनगर है।इनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वही 2 आरोपी फरार है जिनका नाम क्रमशः ऋषभ पांडेय पुत्र अशोक पांडेय रामपुर और सद्दाम जो कि टैम्पू चालक है। पुलिस इन दोनों फरार आरोपियों की तलाश कर रही है, बहुत जल्द ये भी कानून के गिरफ्त में होंगे।
उन्होंने प्रेस वार्ता में जानकारी दी,कि पुलिस ने हत्यारोपियों के पास से .32 बोर की पिस्टल, खोखे, आधारकार्ड और मृतक की साईकिल तथा दूध के डिब्बे बरामद किए है।
पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी अंकित मोदनवाल ने बताया,कि उसकी रामनगर चौराहे पर पूड़ी सब्जी की दुकान है, वह मृतक से 15हजार रुपये कर्ज के रुप मे 10% की ब्याज दर से लिया था।पिछले महीने ही उसने 10हजार रुपये मय ब्याज समेत मृतक को लौटा दिया था,मगर 5हजार रुपये के लिए चाय-विक्रेता गाली गलौज करता था, जो कि आरोपी को नागवार गुजरी। आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई, और बुधवार को आरोपियों ने योजना के मुताबिक़ चायविक्रेता को अपनी दुकान पर बुलवाया, और कनपटी पर गोली मार कर हत्या कर दी।देर रात गए ऑटो चालक अपने साथी सद्दाम की सहायता से मृतक की लाश को ढूंढराज पुलिया के पास फेक कर लौट आये।
एक तरफ रामनगर पुलिस और क्राइम ब्रांच की जितनी तारीफ की जाये वो कम है, कि उन्होंने बहुत कम समय मे हत्याकांड का पर्दाफाश करके ये साबित कर दिया है,कि पुलिस अगर चाहे तो मुजरिम कितनी भी चालाकी कर लें मगर वो कानून के लंबे हाथों से बच नही सकता है।
ये तो हुई सिक्के की एक पहलू वाली बात लेकिन अगर सिक्के का दूसरा पहलू देखें तो ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है, कि हत्या रामनगर के सबसे व्यस्त चौराहे पर पुलिस पिकेट के पास हुई, और वहां से रामनगर थाना भी महज चंद कदमों की दूरी पर है।
पुलिस पिकेट पर हमेसा पुलिस की ड्यूटी लगी रहती है, तो ऐसे में गोली मारकर हत्या करना और लाश को भी ऑटो में लादकर ठिकाने लगा देना वो भी पुलिस के नाक के निचे से।ये पुलिसकर्मियों की घोर लापरवाही को दर्शाता है, अगर पुलिस सजग रहती तो ये घटना होती ही नही और शायद मृतक चाय-विक्रेता आज जिंदा होता।या फिर टैम्पू पर मृतक के शरीर को रखते समय ही पुलिस पकड़ लेती।
खैर इन सब बातों पर पुलिस प्रसाशन को गौर करने की जरूरत है।कि जिनकी ड्यूटी जनता की सुरक्षा के लिए लगी है, वो क्राइम के समय कहा रहते है।
गिरफ्तार करने वाली टीम में रामनगर थाना प्रभारी विजय यादव, दारोगा विनोद कुमार मिश्र, दरोगा अरविंद यादव, दारोगा आशीष मिश्रा, हेड कांस्टेबल प्रहलाद यादव, कांस्टेबल ब्रम्हदेव सिंह और कांस्टेबल सिद्धार्थ शामिल रहे।
तो क्राइमब्रांच की तरफ से दारोगा बृजेश मिश्र, कांस्टेबल सूरज कुमार, अमित कुमार और मंटू कुमार शामिल रहे।
