वाराणसी में फर्जी NSG कमांडो गिरफ्तार: 25 महिलाओं से शादी का झांसा देकर करोड़ों की ठगी का खुलासा

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VARANASI NEWS : NSG कमांडो बनकर 25 महिलाओं से ठगी, 40 लाख की धोखाधड़ी के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

वाराणसी, 13 जुलाई — चितईपुर पुलिस ने रविवार को एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) का कमांडो बताकर देशभर की महिलाओं को धोखा दे रहा था। आरोपी के पास से सेना की वर्दी, कई फर्जी पहचान पत्र, नेम प्लेट्स, मेडल और एक नकली पिस्टल बरामद हुई है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि वह अब तक कम से कम 25 महिलाओं से शादी या प्रेम संबंध के नाम पर करोड़ों रुपये ठग चुका है

गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान दलाई उपप्ल के रूप में हुई है, जो बीते तीन वर्षों से वाराणसी में फर्जी नाम से रह रहा था। पुलिस को उसके खिलाफ शिकायत एक बैंक अधिकारी महिला (बदला हुआ नाम: हिना) ने 12 जून को दी थी। महिला ने बताया कि वह एक मैट्रिमोनियल साइट के माध्यम से रिश्ते की तलाश में थी, जहां उसकी बातचीत एक व्यक्ति से हुई, जिसने खुद को “जोसफ” नामक NSG कमांडो बताया। आरोपी ने वर्दी में अपनी तस्वीरें और सेवा संबंधी कथित दस्तावेज साझा किए। कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली और वह महिला के घर में रहने लगा।

शादी के बाद आरोपी ने खुद की परेशानियों का हवाला देते हुए धीरे-धीरे महिला से पैसे मांगने शुरू किए और कुछ वर्षों में कुल ₹40 लाख की रकम हड़प ली। पहले तो महिला ने विश्वास बनाए रखा, लेकिन जब उसने उसके मोबाइल में कई अन्य महिलाओं के साथ बातचीत और तस्वीरें देखीं, तो उसे शक हुआ। पूछने पर आरोपी ने जवाब देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद महिला ने पुलिस का रुख किया।

काशी जोन के एडीसीपी सरवण टी के अनुसार, जांच में यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी केवल वाराणसी में ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों में इसी तरह की वारदातों को अंजाम दे चुका है। उसने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में महिलाओं से संपर्क कर खुद को सेना या सुरक्षा बलों का अफसर बताकर झूठे रिश्ते बनाए और उनसे ठगी की। इनमें से कई मामलों में उसने शादी भी की।

पूछताछ में आरोपी ने कबूला कि उसने इंटरनेट से आर्मी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के पहचान पत्र देखे और फर्जी ID कार्ड खुद प्रिंट कर बनाए। उसके पास से बरामद फर्जी दस्तावेजों में NIA, जम्मू-कश्मीर पुलिस, टेरिटोरियल आर्मी और अन्य बलों के नाम भी शामिल हैं। किसी को शक न हो इसलिए उसने एक नकली पिस्तौल भी अपने पास रखी थी।

आरोपी ने बताया कि उसने केवल कक्षा 9 तक पढ़ाई की है और पहले तेलंगाना में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था। सेना में भर्ती होने की ख्वाहिश पूरी न हो पाने के कारण उसने फर्जीवाड़े की राह पकड़ी। वह अपने माता-पिता और तीन भाइयों के साथ रहता था, लेकिन करीब 5 साल पहले घर छोड़कर गोरखपुर और फिर वाराणसी आया, जहां वह लगातार पहचान बदलकर रह रहा था।

पुलिस का मानना है कि यह ठगी सुनियोजित तरीके से की गई है और आरोपी लंबे समय से अलग-अलग महिलाओं को निशाना बनाकर उनसे रकम ऐंठ रहा था। कई मामलों में उसने शादी भी की, जबकि कई महिलाओं से केवल पैसे लेकर फरार हो गया। फिलहाल, पुलिस उन सभी मामलों की जानकारी जुटा रही है, जिनमें उसकी संलिप्तता हो सकती है।

पुलिस आरोपी से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसके साथ और कौन लोग शामिल हो सकते हैं, और क्या इस नेटवर्क में कोई अन्य व्यक्ति या गैंग सक्रिय है। साथ ही, जिन राज्यों में शिकायतें लंबित हैं, वहां की पुलिस से समन्वय कर आगे की कानूनी प्रक्रिया तय की जा रही है।

फिलहाल आरोपी न्यायिक हिरासत में है, और जांच एजेंसियां पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी हैं।

SOURCE : NEWS REPORT

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