बनारस कृष्ण चन्द्र शुक्ल एवं हरी शंकर चौबे की रिपोर्ट – उत्तर प्रदेश को अलग कर पूर्वांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर पूर्वांचल राज्य जनआंदोलन के जो कार्यकर्ता पिछले 35 दिनों से अनशनरत थे उन कार्यकर्ताओं ने अब अपनी बात मनवाने के लिए हिंसक रुख अख्तियार कर लिया है,
आज दिनांक 19/09/2018 दिन बुधवार दिन में महिला कार्यकर्ता वंदना रघुवंशी द्वारा कैंट स्थित रोडवेज बस अड्डे के प्लेटफॉर्म संख्या 4 पर खड़ी वाराणसी-लखनऊ जाने वाली वॉल्वो बस में आग लगा दी और तत्काल आरोपी द्वारा आत्मसपर्मण कर दिया गया।
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सिगरा पुलिस ने की तत्काल कार्यवाही
वॉल्वो बस में आग लगते ही रोडवेज बस अड्डे के परिसर में अफरा-तफरी मच गयी। वहाँ मौजूद कर्मचारियों द्वारा फौरन बस अड्डे को खाली कराया गया इस दौरान रोडवेज पुलिस द्वारा तुरंत आरोपी महिला कार्यकर्ता को हिरासत में लेकर उसे सिगरा थाने ले भेजा गया, जिसके बाद विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया।
आग बुझाने के लिए घंटों हुई मशक्कत
घटना के बाद दमकल की तीन गाडियों ने वॉल्वो बस में लगायी गयी आग को बुझाने के लिये काफी देर तक मशक्कत की, जिसके उपरांत आग बुझा ली गयी है। बताया गया कि जिस वक्त बस में आग लगायी गयी, उसमें तीन-चार सवारियां ही बैठी हुई थीं, जिन्हें आंदोलनकारी ने बाहर निकाल दिया और बस में आग लगा दी।
आरोपी महिला वंदना रघुवंशी ने सरकार पर लगाया आरोप
आरोपी महिला पूर्वांचल जन आंदोलन की वरिष्ठ राष्ट्रीय महासचिव और आंदोलन की महिला विंग प्रभारी वंदना रघुवंशी हैं और इनहोनें आरोप लगाया कि पिछले पांच साल से पूर्वांचल राज्य की मांग के लिये हम शांति से अहिंसक तौर से लड़ाई लड़ते आ रहे थे। इसी के तहत हमने प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली को पत्र लिखकर आगाह किया था कि 15 अगस्त 2018 से हम आमरण अनशन पर जाएंगे परंतु किसी भी प्रकार का कोई भी ख़बर नहीं ली गई जिसके बाद इस बारे में हम सरकार को रिमाइंडर भी भेजते रहे।
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बस में आग लगाने वाली आरोपी महिला वंदना रघुवंशी ने आरोप लगाया कि अनुज राही हिन्दुस्तानी 35 दिनों से अनशन पर बैठा है, और खुद 22 दिनों तक अनशन करती रहीं, और इस बीच मुख्यमंत्री तीन-तीन बार वाराणसी आये, जिसके बाद प्रधानमंत्री का वाराणसी दौरा भी एक बार हुआ, परंतु अहिंसक आंदोलनकारियों से कोई बात नहीं की गयी।
वंदना रघुवंशी से मीडिया द्वारा की गई बात में इस बात को कबूल किया कि बस में आग उन्होंने ही लगायी थी और अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि इस घटना के लिये सिर्फ सरकार जिम्मेदार है, सरकार द्वारा हमारी बात को अनसुना किया जा रहा था और इसी वजह से उन्होने इस घटना को अंजाम दिया।
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